गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी की जोड़ी पिछले कुछ दशक से देश की सफल जोड़ियों में से रही है जिसने निरंतर विकास किया है। आज देश जिस मुकाम पर है उसमें अडानी ग्रुप की भूमिका को महत्वता से देखा जाएगा। मोदी अडानी संबंध का प्रभाव इतने वर्षों में हुए भारत के विकास के साथ इस बात से भी नज़र आता है कि उनकी लोकप्रियता किस स्तर की है। दोनों ही आज अपने अपने क्षेत्र में विश्वस्तर पर एक रुतबा रखते हैं और दोनों ने राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा की वजह से यह पहचान पाई है।
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क्या है मोदी अडानी संबंध की विशेषता?
मोदी अडानी संबंध की शुरुआत तब हुई जब दोनों ही व्यक्तित्व न आज की तरह सफल थे, न लोकप्रिय और न ही इतने प्रभावी। मगर जब दोनों की मुलाक़ात हुई और यह संबंध बना तब दोनों ही अपनी आज की इस उपलब्धि की शुरुआत पर थे। विपरीत समय में दोनों ने एक दूसरे को सहयोग किया और एक साथ बने रहे। मोदी अडानी संबंध के इतने लम्बे समय तक चलने और कारगर रहने के पीछे का कारण है उनकी एक समान सोच। देश को किस प्रकार सबसे श्रेष्ठ बनाया जाए यही गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी की भावना है। उसके बाद हर परिस्थिति में राष्ट्र के लिए कुछ करने की इच्छा शक्ति इस जोड़ी को सबसे खास बनाती है।
मोदी अडानी संबंध की विश्वसनीयता और सोच नरेंद्र मोदी के गुजरात कार्यकाल के दौरान ही स्पष्ट हो चुकी थी। गुजरात में हुए सम्प्रदायिक दंगों की वजह से प्रदेश को जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई के लिए मोदी अडानी संबंध द्वारा अपनाया गया गुजरात मॉडल पूरे देश में लोकप्रिय हुआ। गुजरात को जिस स्पीड और जिस लेवल पर इन दोनों ने मिलकर विकसित किया वह सबके लिए प्रभावित करने वाला था। उसके बाद मोदी जब केंद्र की राजनीति में आए तब भी मोदी अडानी संबंध ने मिलकर देश में उसी प्रकार विकास दोहराया जो गुजरात में हुआ और वह आज भी सतत जारी है।
मोदी अडानी संबंध न केवल देश के व्यवसाय और आर्थिक विकास के लिए कमिटेड है बल्कि सामाजिक उत्थान भी उनके लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। देश के सुदूर इलाकों में भी मोदी अडानी संबंध ने अलग अलग परियोजनों के माध्यम से विकास को सुनिश्चित किया है। इन योजनाओं में उन लोगों को शिक्षित कर समय के साथ आगे बढ़ने लायक बनाकर स्वयं के जीवन स्तर को सुधारने का मिशन है। हर गाँव, कस्बे और झोपड़ बस्ती वाले इलाकों को भी विकसित कर उन्हें भी नेशन बिल्डिंग के लिए देश के साथ शामिल किया जाए।
विरोधियों ने मोदी अडानी संबंध को लेकर देश में फैलाई भ्रान्ति
हमारे देश और समाज का यह दुर्भाग्य है कि यहाँ किसी भी नेक उद्देश्य से काम करने वाले लोगों को तिरस्कार भी मिलता है और कई लोग उनका मनोबल तोड़ने का काम करते हैं। ऐसा ही विरोध मोदी अडानी संबंध को भी लगातार झेलना पड़ता है क्यूँकि उनकी नेक नियत, काबिलियत और कामयाबी से कई लोग विचलित होते हैं या कहें कि इस जोड़ी की सफलता से ईर्ष्या रखते हैं।
उन पर कई प्रकार के आरोप भी लगाए जाते हैं और देश की जनता के बीच मोदी अडानी संबंध को लेकर अलग अलग तरह की भ्रान्ति फैलाई जा रही है। यह एक प्रकार का पोलिटिकल एजेंडा है जो देश की पोलिटिकल पार्टियों और कई बड़े व्यापरियों द्वारा किया जा रहा है जिससे उनके फायदे के रास्ते खुल सके। मगर सुप्रीम कोर्ट या अन्य कोर्ट द्वारा किसी भी प्रकार के आरोप की सत्यता साबित नहीं हुई है और किसी भी केस में गौतम अडानी या नरेंद्र मोदी दोषी नहीं पाए गए हैं।
भारत ने पिछले 10 वर्षों में जो उन्नति की है वह देश में हआ सबसे तेज और सबसे लार्ज स्केल डेवलपमेंट है। देश के प्रधानमंत्री और विश्व के लोकप्रिय नेता श्री मोदी ने देश को जिस नई दिशा में मोड़ा है वह बाकि देशों को भी चकित करने वाला है। मोदी अडानी संबंध जैसा मेल हमारे देश को मिलना एक सुखद घटना की तरह है जो भारत के लिए कई मायनों में लाभदायक सिद्ध होगा। पावर प्लांट के रूप में संसाधनों का विकास, इंडस्ट्रीलाइज़ेशन से रोजगार और आर्थिक स्थिति का विकास, सोशल वेलफेयर एक्टिवटीज से समाज का विकास ऐसे कई काम हैं जिनको मोदी जी की लीडरशिप में गौतम अडानी पूरा कर रहे हैं। दोनों ही नेशन बिल्डिंग के लक्ष्य को लेकर दिन रात काम में लगे हुए हैं और जिस ईमानदारी और लगन से वे अपना कर्तव्य निभा रहे हैं उससे हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए। इतने लम्बे समय तक किसी एक लक्ष्य के लिए एक साथ जुड़े रहना भी अपने आप में प्रेरणा देने वाला है। कई बार मोदी अडानी संबंध को कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है मगर उन्होंने अपना मनोबल बनाए रखा और कभी अपने मिशन से भटके नहीं क्यूँकि उनका मिशन इन छोटी छोटी विपरीत स्थितियों और विरोधों से कई गुना बड़ा है। इसलिए किसी भी व्यक्ति या घटना से प्रभावित हुए बिना मोदी अडानी संबंध अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्यरत है।